
How right is it for Priyanka Gandhi to contest from Wayanad? Congress MP Shashi Tharoor gave big hints
तिरुवनंतपुरम/ इटारसी। न्यूज डेस्क
आखिरकार वो समय आ गया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी अपनी पहली चुनावी पारी वायनाड सीट से लड़ेंगी। तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को इस पर खुशी जताई है। उन्होंने दावा किया है कि लोकसभा में प्रियंका गांधी की उपस्थिति से विपक्षी दलों को मजबूती मिलेगी और वायनाड को संसद में उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए एक बहुत मजबूत व्यक्ति मिलेगा। थरूर ने नेय्याट्टिनकारा विधानसभा क्षेत्र में अपने ‘धन्यवाद’ अभियान के दौरान एजेंसी से बात की। उन्होंने कहा कि प्रियंका चुनाव प्रचार के दौरान बहुत प्रभावी वक्ता रही हैं और उन्हें खुशी है कि उन्होंने केरल से चुनावी राजनीति में प्रवेश करने का फैसला किया।
अपनी बहन को सौंपना बेहतर समझा वायनाड सीट
थरूर ने खुशी जताते हुए कहा कि ‘मुझे लगता है कि राहुल जी को रायबरेली को अपने पास रखना ही था, यह उत्तर प्रदेश और पूरे उत्तर भारत के लोगों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण संकेत है। साथ ही, वह यह महसूस नहीं करना चाहते थे कि वह वायनाड के लोगों को छोड़ रहे हैं और इसे अपनी बहन को सौंपना बेहतर समझा। इसलिए मुझे लगता है कि यह एक शानदार फैसला है।’
वाराणसी में भी एक बेहतरीन उम्मीदवार हो सकती थीं प्रियंका
थरूर ने आगे कहा कि, ‘मैं निश्चित रूप से यह उल्लेख कर सकता हूं कि पिछले कुछ हफ्तों से यही मेरी प्राथमिकता थी, जब यह स्पष्ट हो गया था कि राहुल को इनमें से किसी एक को चुनना है और मुझे लगा कि यह सही विकल्प है और मैं इसकी तहे दिल से सराहना करता हूं।’ उन्होंने कहा कि प्रियंका वाराणसी में भी एक बेहतरीन उम्मीदवार हो सकती थीं, खासकर यह देखते हुए कि कांग्रेस उम्मीदवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कितना अच्छा प्रदर्शन किया।
‘परिवारवाद’ का आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है
थरूर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अभी, वायनाड में जीत हासिल करके, जो उन्हें आसानी से मिल जाना चाहिए, वह संसद में एक बहुत मजबूत आवाज लेकर आएंगी। हम सभी ने उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान बोलते हुए देखा है। वह हमारे सबसे प्रभावशाली वक्ताओं और प्रचारकों में से एक हैं और उनका लोकसभा में होना पार्टी के लिए बहुत बड़ी संपत्ति होगी। उन्होंने कहा कि एक परिवार को अलग करना और उन पर ‘परिवारवाद’ का आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि यह व्यवस्था हमारी संस्कृति में समाहित है।’
15 भाजपा सांसद राजनीतिक परिवारों से
थरूर ने कहा कि, 15 भाजपा सांसद राजनीतिक परिवारों से हैं और यह कम आंकलन होगा क्योंकि कई और सांसद राजनीतिक परिवारों से आएंगे। थरूर ने कहा कि हमारी संस्कृति में, दंत चिकित्सक चाहते हैं कि उनके बच्चे दंत चिकित्सक बनें, कलाकार चाहते हैं कि उनके बच्चे कलाकार बनें और यह राजनीति में भी है। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान तिरुवनंतपुरम जिले के कांग्रेस नेताओं के प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त करते हुए एआईसीसी से शिकायत की थी, थरूर ने इससे इनकार किया। थरूर ने कहा, ‘नहीं…नहीं। मैंने किसी से शिकायत नहीं की है। हम सभी ने अपना काम किया है, पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपना काम किया है और हमारे पास बोलने के लिए जीत है।’