
नाले का अवैध अतिक्रमण नहीं हटा तो होगा बड़ा जनांदोलन: कांग्रेस पार्षद अमित कापरे
सिटी हेराल्ड, इटारसी। दो दिन पहले अखबार ने नाले पर हुए निर्माण की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, उस पर सियासत शुरु हो गई है। हालांकि राजनीति की बजह बीते दिन हुई बारिश के कारण इस सूरजगंज क्षेत्र में पहली बार भराया पानी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय कांग्रेस पार्षद ने अब मोर्चा खोल दिया है। अपनी वीर रस वाली छवि रखने वाले वार्ड 16 से कांग्रेस पार्षद ने नाले पर मौजूद अतिक्रमण को हटाने के लिए अल्टीमेटम दे दिया है। तीन दिवस का समय उन्होंने प्रशासन को दिया है, हालांकि प्रेसनोट में उन्होंने संबंधित अतिक्रमण का स्पष्ट तौर पर उल्लेख नहीं किया है लेकिन सबको समझ आ गया है कि वह किस अतिक्रमण की बात कर रहे हैं। वार्ड क्रमांक 16 के कांग्रेस पार्षद अमित कापरे ने इस आशय का एक पत्र अनुविभागीय दंडाधिकारी एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी इटारसी को सौंपा।
पत्र में कापरे ने बताया कि वार्ड 17 में इटारसी शहर की सीमा से लगे सोना सांवरी नाका क्षेत्र में शहर की जल निकासी के एकमात्र स्रोत नाले पर भू माफियाओं एवं प्रशासन के अधिकारियों की मिली भगत से बीते डेढ़ वर्षों से खुलेआम अतिक्रमण कर निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस अतिक्रमण पर स्थानीय निवासियों सहित जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार शासन की ओर पत्र लिखे गए एवं शिकायतें की गई। इन सबके बावजूद प्रशासन आंख मूंदे बैठा रहा। आश्चर्य की बात यह है कि इतनी शिकायतों के बाद भी निर्माणकर्ता को शासन ने क्लीन चिट भी दे दी। कुछ आवेदन आज से डेढ़ वर्ष पूर्व मार्च 2023 में मुख्य नगर पालिका अधिकारी सहित एसडीएम इटारसी को अवैध निर्माण को रोकने संबंधित ज्ञापन दिया गया था। उस समय यह अवैध निर्माण अपने प्रारंभिक चरण में था। तब तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी हेमेश्वरी पटले ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि उक्त क्षेत्र नगर पालिका सीमा में नहीं आता। कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा आज से दो महीने पूर्व भी इस संबंध में नगर पालिका अध्यक्ष को लिखित में शिकायत की थी।
कापरे ने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में शासन की गाइडलाइन के अनुसार ऐसे नाले जिसमें शहर का ड्रेनेज मिलता हो के आसपास निर्माण के लिए नाले से 9 मीटर की दूरी होना अनिवार्य है। यदि शासन के उक्त निर्देश सही है तब ऐसी स्थिति में विषय की संवेदनशीलता एवं गंभीरता को देखते हुए उन सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जावे जिन्होंने निर्माण की अनुज्ञा दी एवं आपत्ति लगने के पश्चात भी उक्त निर्माण कार्य को वैधानिक करार देकर क्लीन चिट दी।
प्रेस नोट के माध्यम से कापरे ने कहा कि बीती 21 तारीख रविवार को हुई मात्र 3 घंटे की बारिश के कारण बीते 45 वर्षों में पहली बार ऐसी स्थिति बनी जब पूरा सूरजगंज क्षेत्र घुटने घुटने तक पानी में डूब गया था एवं लोगों के घरों में पानी घुस गया था। जिसके चलते तिरुपति नगर, महर्षी नगर, अजै बचन कॉलोनी, दशमेश कॉलोनी, सोना सांवरी नाका, जाटव मोहल्ला, बैंक कॉलोनी, काली मंदिर के सामने का क्षेत्र एवं वर्धमान कॉलेज परिसर सहित हजारों घर प्रभावित हुए।
उन्होंने बताया कि बारिश अभी अपने प्रारंभिक दौर पर है। आने वाले समय में भारी बारिश के चलते बड़ी जनहानि होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। भले ही विवादित निर्माण क्षेत्र नगर पालिका सीमा में नहीं आता किंतु जनहित में उक्त अतिक्रमण को तुरंत रोक कर कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जावे जिससे भविष्य में इस तरह के कृत्यों पर अंकुश लग सके। कापरे ने अपने पत्र के माध्यम से चेतावनी देते हुए कहा कि जनहित में यदि तीन कार्य दिवस के भीतर नाले पर निर्माण को नहीं रोका गया तो शहर की जनता एवं प्रबुद्ध जनों के साथ मिलकर बड़े आंदोलन किया जाएगा।