
– आरोप लगाया कि डीजीएम ने पथरौटा थाना में पीडित ग्रामीण को धमकी दी है कि जीवन भर अंधेरे में रहोगे, बिजली नहीं जलने दूंगा घर पर
– ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली कंपनी के कर्मचारियों से गांव के नागरिकों पर मारपीट और पैसे गुमने की झूठी एफआईआर भी डीजीएम ने कराई दर्ज
– ग्रामीण महिलाओं ने कहा हम सभी चश्मदीत हैं बिजली कंपनी कर्मचारियों ने बुजुर्ग को धक्का देकर कॉलर पकडी, इसके बाद ही विवाद हुआ था शुरु
– ग्रामीण महिलाओं ने कहा हम बकायादार हो सकते हैं लेकिन चोर नहीं हैं, बिजली कंपनी बिल जमा करने के बाद हमारा बिजली मिलने का मौलिक अधिकार नहीं झीन सकती
– पथरोटा थाने में ज्ञापन सौंपकर कहा उनके साथ भी बिजली कंपनी कर्मचारियों व अधिकारियों ने अभद्रता, गाली गलौच व धमकी दी है, उनके विरुद्ध भी हो एफआईआर
इटारसी।
बिजली कंपनी के इटारसी उप महाप्रबंधक अंकुर मिश्रा (डीजीएम) पर ग्राम पांडरी आयुध नगर की एक सैकडा महिलाओं ने गंभीर आरोप लगाते हुए पथरौटा थाने में एफआईआर कराने के लिए ज्ञापन दिया है। उन्होंने कहा कि डीजीएम संविधान में नागरिकों को मिले मौलिक अधिकारों का हनन करते हुए गांव के एक परिवार को धमका रहे हैं कि तुम्हारे घर से मीटर कनेक्शन बंद करुंगा और कभी लगने भी नहीं दूंगा, हमेशा अंधेरे में रखुंगा। गंभीर बात यह है धमकी उन्होंने पथरोटा थाने में खडे होकर दी। इसके बाद उन्होंने पीडित परिवार पर उनके कर्मचारियों के साथ मारपीट करने की झूठी एफआईआर भी दर्ज कराई, जिसमें पीडित परिवार पर गंभीर आरोप उनके द्वारा तानाशाही पूर्वक लगाए गए हैं।
आज दोपहर 2.30 बजे पांडरी गांव की महिलाएं और पुरुष जिनकी संख्या एक सैकडा से अधिक थी, वह ट्रेक्टर ट्राली और अन्य वाहनों में बैठकर पथरोटा थाने पहुंची। उन्होंने यहां बिजली कंपनी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी, अंकुर मिश्रा तेरी तानाशाही नहीं चलेगी, अंकुर मिश्रा पर एफआईआर करो, के नारे लगाकर थाने में प्रवेश किया और थाना प्रभारी संजीव पंवार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने के दौरान पीडित परिवार की मुखिया हीराबाई मालवीय के साथ गांव की महिलाएं शांति बाई, अनीता दुबे, लक्ष्मी बाई, सरस्वती उइके, नगीना दुबे, रामबाई, ललिता साहू, इटारसी के सामाजिक कार्यकर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक शर्मा, जितेंद्र ओझा, मनीष ठाकुर, कुलभूषण मिश्रा, बसंत चौहान सहित एक सैकडा अन्य लोग मौजूद थे।
आवेदन में लिखा 26 अक्टूबर का पूरा घटनाक्रम-
ग्रामीणों की ओर से पीडित परिवार की मुखिया प्रजापति हीराबाई ने जो आवेदन लिखा है उसमें उन्होंने डीजीएम अंकुर मिश्रा पर आरोप लगाए हैं कि 26 अक्टूबर को शाम 4 बजे उनके घर नारायण रावत, सचिन पटेल, संतोष मंडल पहुंचे। वे बिना सूचना के बिजली काटने आए थे। उनसे उनके पति गोपाल प्रसाद मालवीय उम्र 65 वर्ष ने कहा कि हम प्रजापति समाज से हैं अभी दीपावली पर मां लक्ष्मी की प्रतिमाओं में रंग लगाने का काम चल रहा है, बिना बिजली के यह हो नहीं पाएगा। दीपावली पर हमारा मुख्य व्यवसाय होता है आप थोडी सी मौहलत दें। वे कुछ पैसा जमा कर सकते हैं। लेकिन बिजली कंपनी के कर्मचारियों ने कहा कि जब हैसियत नहीं है तो इतनी बिजली जलाते क्यों हो, घर तो बहुत बडा बना रखा है, हम मान ही नहीं सकते कि तुम्हारे पास पैसा नहीं होंगे। श्रीमती हीराबाई ने आरोप लगाया कि जब बिजली कर्मी बिजली काटने लगे तो मेरे पति ने उनसे हाथ जोडकर मोहलत मांगी, जिस पर उन्हें धमका देकर दूर कर दिया और आवेश में मेरे पति की कॉलर पकड ली। इसी से विवाद शुरु हो गया। मेरे बेटे और मोहल्ले वाले भी मौजूद थे। जब दोनों पक्षों में गाली गलौच झूमा झटकी हुई। इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ। जब बिजली कंपनी के कर्मचारी धमकी देकर निकले की ऐसी धाराओं में केस दर्ज कराएंगे कि जेल से नहीं निकलोगे। इसके बाद हम भी इनके द्वारा की गई अभद्रता गाली गलौज की शिकायत करने थाने पहुंचे, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हुई, हमारा आवेदन लेकर जांच में लिया गया है।
रात 9.30 बजे दी थाने में धमकी-
बिजली कंपनी से पीडित परिवार ने पथरौटा थाने में दिए आवेदन में आरोप लगाया कि 26 अक्टूबर की रात करीब 9.30 बजे उनका बडा बेटा राजेश मालवीय पथरौटा थाने में मौजूद बिजली कंपनी के डीजीएम अंकुर मिश्रा से इस पूरे मामले में बातचीत करने के लिए पहुंचा था। वहां उसने उनके परिवार की ओर से किए कृत्य की माफी भी मांगी, कहा महोदय, आपके कर्मचारियों द्वारा मेरे पिता से की गई अभद्रता और उनकी कॉलर पकडने के बाद विवाद मेरे भाई उग्र हुए थे, लेकिन झूमा झटकी और गाली गलौज हुई जो कि दोनों पक्षों से हुई थी। बावजूद मैं माफी मांगता हूं। जिस पर डीजीएम ने कहा कि हम एफआईआर कराएंगे। साथ ही यह भी कहा कि अब तुम हमेशा अंधेरे में ही रहोगे। बिजली का बिल जमा भी कर दोगे तो बिजली काटूंगा और मीटर कभी लगने नहीं दूंगा। जब उनसे कहा गया कि सर आप हमें संविधान से मिले मौलिक अधिकार से वंचित नहीं कर सकते तो, कहाकि मुझे पता है मैं क्या करुंगा।
एक सैकडा ग्रामीण पहुंचे एफआईआर कराने-
ग्रामीणों ने पथरोटा थाना प्रभारी से कहा कि डीजीएम अंकुर मिश्रा पर एफआईआर दर्ज की जाए और उनके कर्मचारियों पर भी। जिन्होंने यहां झूठा मामला दर्ज कराया है और जो संविधान के मौलिक अधिकार को हमसे छीन रहे हैं।
डीजीएम पर लगाए गए आरोप सही, क्योंकि सिटी हेराल्ड की टीम तब मौजूद थी….
डीजीएम अंकुर मिश्रा पर जो आरोप लगाए गए हैं उसका एक एक शब्द 24 कैरेट सोने जैसा सत्य है। दरअसल, जिस वक्त डीजीएम अंकुर मिश्रा से हाथ जोडकर पीडित परिवार का बडा बेटा राजेश मालवीय माफी मांग रहा था, उस वक्त सिटी हेराल्ड के संपादक मंगेश यादव, प्रबंध संपादक बसंत चौहान खुद भी मौके पर मौजूद थे और डीजीएम से बात भी की। उन्होंने हमारे सामने ही कहा कि बिजली का बिल भरे ही जमा हो जाए लेकिन उनके घर बिजली का कनेक्शन तो काटूंगा ही ऐसा कि कभी बिजली जल नहीं पाएगी। जिस पर हमारे द्वारा भी आपत्ति ली गई। कहा गया कि आप मौलिक अधिकारी से किसी को वंचित नहीं कर सकते। देश संविधान से चलता है आपकी हठधर्मिता से नहीं।