MP NEWS: भाजपा मंडल अध्‍यक्ष पद के लिए “उम्र के बंधन” पर असमंजस

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  • सिटी हेराल्‍ड ने भाजपा के कई वरिष्‍ठ नेताओं से एज लिमिट के बारे में पूछा तो सभी का जबाव आया अभी निर्देश नहीं आए हैं, इसलिए कुछ कह नहीं सकते
  • उम्र के बंधन पर सवाल कार्यकर्ताओं के जहन में इसलिए आया क्‍योंकि पिछले निर्वाचन में कई मंडलों में उम्र के क्राइटेरिया को दरकिनार करते हुए की गई थी नियुक्तियां

सिटी हेराल्‍ड के लिए इटारसी से मंगेश यादव/बसंत चौहान की विशेष रिपोर्ट…

मध्यप्रदेश में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संगठन चुनाव की डेड लाइन तय हो गई है। 15 दिसंबर तक 1078 मण्डलों के अध्यक्ष घोषित होंगे। 15 जनवरी 2025 तक जिलाध्यक्षों का चुनाव हो जाएगा। जनवरी अंत तक सभी प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी चुनाव हो जाएगा।

लेकिन संगठन की सबसे अहम कडी माने जाने वाले मंडल अध्‍यक्ष पद के लिए कौन कौन दावेदारी कर सकता है? किस उम्र तक का कार्यकर्ता चुनाव लड सकता है? यह अभी तय हुआ नहीं दिख रहा है।

दरअसल, पिछले संगठन चुनाव जब हुए थे सिर्फ मप्र में पायलट प्रोजेक्‍ट के तौर पर मंडल अध्‍यक्ष की उम्र 40 वर्ष तक की हो यह तय किया गया था। कहा गया था कि इसके नफा नुकसान देखने के बाद पार्टी इस फार्मूले को आगे बढाएगी या नहीं तय किया जाएगा।

लेकिन पिछले ही चुनाव में प्रदेश में कई ऐसे मंडल अध्‍यक्ष नियुक्‍त किए गए जिनकी उम्र 40 से अधिक थी।

इसलिए अब कार्यकर्ताओं खासकर 40 से अधिक उम्र और 50 से कम उम्र के कार्यकर्ताओं के दिल और दिमाग दोनों में सवाल कोंध रहा है कि इस बार क्‍या एज लिमिट रहेगी।

आपको बता दें कि संगठन चुनाव देरी से हो रहे हैं यदि एजलिमिट 40 वर्ष ही रही तो कुछ कार्यकर्ता 40 वर्ष की उम्र पार कर गए हैं, यदि समय पर चुनाव होते तो वे दावेदारी जता सकते थे। वे असमंजस में हैं। वहीं कई कार्यकर्ता ऐसे हैं जिनकी उम्र और अनुभव व कार्यकर्ताओं में पकड अच्‍छी है लेकिन उनके सामने भी उम्र का संकट आ रहा है।

इन विषयों पर चल रहा है संगठन में मंथन-
1. नगरीय निकाय, त्रिस्‍तरीय पंचायत चुनाव, विधानसभा चुनाव में प्रदेशभर से मंडल अध्‍यक्ष और जनप्रतिनिधियों के बीच टकराव की खबरें आईं।
2. अनुभव की कमी के कारण चुनावों में संगठन और सत्‍ता से जुडे लोगों को एक साथ लेकर चलने की कमी दिखी।
3. कार्यकर्ताओं के हित की बात प्रशासनिक अधिकारियों- पुलिस व अन्‍य विभागों के अधिकारियों के सामने न रखने पाने की शिकायतें भी बहुत आईं।
4. प्रदेश में कई स्‍थानों पर देखा गया कि मंडल अध्‍यक्ष विधायक, सांसद की कठपुतली बने रहे।
5. अनुभव की कमी के कारण वरिष्‍ठ कार्यकर्ताओं का सम्‍मान नहीं करने और उन्‍हें साथ लेकर नहीं चलने की शिकायतें भी प्रदेश कार्यालय बहुत पहुंची।
6. युवाओं में गुटबाजी भी सडक पर दिखी, जिससे युवा मोर्चा चुनाव से लेकर हर मोर्च पर कमजोर नजर आया।

सर्व सहमति नहीं बनी तो बूथ अध्‍यक्ष करेंगे मतदान-
वरिष्‍ठ भाजपाईयों की माने तो मंडल अध्‍यक्ष से लेकर तमाम पदाधिकारी सर्व सहमति से ही चुने जाएंगे। जहां कहीं सहमति नहीं बनेगी, उसके लिए भाजपा संविधान के अनुसार निर्वाचन कराने की प्रक्रिया की जा सकती है। उसमें बूथ अध्‍यक्षों का रोल अहम हो जाता है, उन्‍हें इस निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार है। इसलिए मंडल अध्‍यक्ष के दावेदार बूथ अध्‍यक्षों पर फोकस कर रहे हैं।

अभी कुछ कंफर्म नहीं….
अभी मंडल अध्‍यक्ष के लिए उम्र का क्‍या पैमाना होगा, इसके लिए कोई भी गाईडलाइन नहीं आई है। जिन कार्यों के लिए निर्देश हमें अभी मिले हैं वहीं किए जा रहे हैं। पिछली बार तो 40 वर्ष तक उम्र के कार्यकर्ता ही मंडल अध्‍यक्ष बनेंगे इसके लिए स्‍पष्‍ट निर्देश मिले थे, इसलिए उसे ही फॉलो किया जा सकता है।
भरत सिंह राजपूत, सह निर्वाचन अधिकारी, जिला नर्मदापुरम भाजपा
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हमारे संगठन में पदों पर सर्वसहमति से ही नियुक्ति होती है इसलिए इसे निर्वाचन न कहें। रही बात मंडल अध्‍यक्ष पद के लिए उम्र की सीमा की तो नए निर्देश अभी मिले नहीं हैं। इसलिए हम अपनी तरफ से कुछ नहीं कह सकते। वैसे भी अभी फस्‍ट राउंड में ही कार्य चल रहा है। मंडल अध्‍यक्ष की नियुक्ति तीसरे चरण में होगी। अभी तो प्रत्‍येक चरण में जो- जो कार्य होने हैं उसके दिशा निर्देश आ रहे हैं, इसलिए तीसरे चरण में क्‍या होगा वह निर्देश मिलने पर ही तय होगा।
सुश्री राजो मालवीय, सह निर्वाचन अधिकारी, जिला नर्मदापुरम भाजपा
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भाजपा के 1.60 लाख से अधिक सदस्य बने
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने पिछले दिनों कहा कि प्रदेश भाजपा अब तक 1.60 लाख से अधिक सदस्य बना चुकी है। उन्होंने बताय कि प्रत्येक बूथ पर 200 सदस्यों का लक्ष्य रखा था। उस लक्ष्य को तो हमने पार कर ही लिया है, बचे हुए दिनों में हम लोकसभा चुनाव में मिले 2.24 करोड़ मतों के 70 प्रतिशत यानी लगभग 1.68 करोड़ सदस्यता का लक्ष्य भी हासिल कर लेंगे। अभी जो 1.60 करोड़ सदस्यता हुई है, उसमें से 1.30 करोड़ लोगों ने विधिवत फॉर्म भरकर भाजपा की सदस्यता ली है, जो एक इतिहास है।

 

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