कभी ना दिखने वाले लोगों की पहली तस्वीरें आईं सामने, पूरी दुनिया हैरान, कहानी आप भी जानिए

Date:

City Center

सिटी हेराल्‍ड, न्‍यूज डेस्‍क। ब्राजील के जंगलों से ऐतिहासिक तस्वीर आई है. ऐसी तस्वीर जो बताती हैं कि इंसानो के बारे में जानने को अब भी बहुत कुछ शेष है. मसलन, कुछ इंसानी समूहों के अस्तित्व का तो हमें ख्याल है लेकिन अब तक हमने उनको देखा तक नहीं है. इन समूहों ने खुद को हमसे अलग रखने के विकल्प को चुना है. ऐसे ही एक समूह की तस्वीर पहली बार दुनिया के सामने आई है. इस समूह का नाम है- मैसाको (Massaco People First Image).

ये तस्वीर अमेजन के जंगल की है. इसमें इस समूह के पुरुष नजर आ रहे हैं. ब्राजीलियन संस्था ‘नेशनल इंडिजिनस पीपल्स फाउंडेशन’ (FUNAI), दशकों से इस क्षेत्र की देखरेख का काम करता है. इन तस्वीरों को FUNAI के ऑटोमैटिक कैमरों से लिया गया है. कैमरों को ऐसी जगहों पर लगाया गया था, जहां वो समय-समय पर उपहार के रूप में धातु के औजार छोड़ते हैं. 

मैसाको समुदाय के लोग औजारों की खोज में खेतों में या जंगल में लकड़ी काटने वाले कैंपों में घुस जाते हैं. और ऐसा जब भी हुआ है, इसके खतरनाक परिणाम सामने आए हैं. इसी कारण से FUNAI उनके लिए समय-समय पर उनके क्षेत्र में औजार छोड़ देता है. इस टीम ने इससे पहले भी मैसाको की बस्तियों की तस्वीरें ली थीं. इस क्षेत्र की कुछ तस्वीरें सैटेलाइट से भी ली गई थीं. लेकिन उन तस्वीरों में सैटेलाइट ने इस क्षेत्र को खाली बताया था. क्योंकि ये अंतरिक्ष से दिखाई देने वाली बड़ी संरचनाएं बनाते ही नहीं हैं. FUNAI की टीम जब वहां गई तो उन्हें बस्तियां दिखीं. इस बार उन्होंने वहां के लोगों की तस्वीरें भी ली हैं.

इस तस्वीर में इस समुदाय के लोग FUNAI द्वारा छोड़े गए चाकू और कुल्हाड़ियों को इकट्ठा कर रहे हैं. दुनिया के लिए ये इस समुदाय की पहली झलक है. तस्वीर 17 फरवरी, 2024 को ली गई है.

Massaco नाम क्यों मिला?

ये इनका असली नाम नहीं है. सच तो ये है कि हमें ये पता ही नहीं कि वो खुद को क्या कहते हैं? ये भी नहीं पता कि ये खुद को कुछ कहते भी हैं या नहीं? जिस क्षेत्र में ये रहते हैं, उसके पास से एक नदी बहती है. इसी नदी से जोड़कर इनको ये नाम हमने दिया है. बाहरी दुनिया के लिए उनकी भाषा, सामाजिक ताना-बाना और उनकी मान्यताएं अब भी एक रहस्य हैं.

मैसाको, अपने क्षेत्र में अजनबियों को रोकने के लिए, पैरों और टायरों को छेदने वाली नुकीली लकड़ी जमीन में गाड़ देते हैं. तस्वीर देखिए.

ऐसे अनुमान लगाए हैं कि मैसाको तीन मीटर लंबे धनुष से शिकार करते हैं. और मौसम के हिसाब से अपने गांवों को जंगल में इधर-उधर ले जाते हैं.

FUNAI का कहना है कि इस समुदाय ने कठिन परिस्थितियों में भी खुद को बचाए रखा है. मसलन, कृषि व्यवसाय, लकड़हारे, खुदाई और नशीली दवाओं के तस्करों के लगातार दबाव के बावजूद, 1990 के दशक की शुरुआत से इनकी संख्या लगभग दोगुनी बढ़ी है. अनुमान है कि अब इनकी संख्या 200 से 250 है.

भारत में भी हैं ऐसे समूह

भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी ऐसे कुछ समूह रहते हैं, जिन्होंने एकांत चुना है. और उनसे हमारा संपर्क नहीं है. इन समूहों में ग्रेट अंडमानी, जरावा, ओंगे, शोम्पेन और सेंटिनलीज शामिल हैं. 

 

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Интернет гэмблинг-платформа с живыми играми и однорукими бандитами

Интернет гэмблинг-платформа с живыми играми и однорукими бандитами Онлайн гэмблинг-платформы...

Lalabet App Apps On Google Play

Spieler, chip diese eine, Einzahlung machen, können von...

Auszahlungsprobleme Vom Lalabet Casino? Gelöst

Dass sie nicht die Gelder abheben lalabet casino...

Lalabet Casino Wie Je Van Veel Bonussen Houdt Zit Je Goed

Sich Selbst bescheren Hilfsmittel für welchen Selbstausschluss, Einzahlungslimits...