
सिटी हेराल्ड, बसंत चौहान। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव एक माह टलने के बाद अब जल्द ही होली के पहले हो सकता है। प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए चुनाव अधिकारी बनाए गए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जल्द भोपाल आ सकते हैं। जैसे-जैसे समय आगे बढ रहा है नामों की फेहरिस्त में दावेदारों के नाम बढते जा रहे हैं। अब दो नाम तेजी से आगे बढे हैं। सूत्रों की मानें तो किसान नेता के नाम से पहचाने जाने वाले नर्मदापुरम सांसद व भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी और सीधी की पूर्व सांसद व ब्राम्हण चेहरा वर्तमान विधायक श्रीमती रीती पाठक के नाम पर भी केंद्रीय नेतृत्व चर्चा कर रहा है। सूत्रों की माने तो सीनियर सांसद होते हुए भी रीती को मंत्री नहीं बनाया गया था, संभवत: उन्हें इस कारण ही रोककर रखा गया होगा। दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से उनका नाम तेजी से आगे बढा है। दरअसल, भाजपा महिलाओं को अपने पक्ष में लगातार बनाए रखने के लिए ऐसा कर सकती है। वहीं नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी के लिए भाजपा सूत्रों का कहना है कि उनके पास पूरे प्रदेश में जमा जमाया नेटवर्क है और किसान मोर्चा का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने पूरे प्रदेश में इतने दौरे किए हैं कि उन्हें पूरा प्रदेश जानता है और दूसरा वह पूर्णकालिक नेता हैं और संसद मेंं अपने प्रदर्शन से वह केंद्रीय नेतृत्व के चेहते बने हुए हैं।
इन नेताओं के नाम पहले से ही रेस में शामिल:
पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है। वह ब्राह्मण वर्ग से आते हैं और राज्य की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं। उनकी केंद्रीय नेतृत्व से भी अच्छी ट्यूनिंग मानी जाती है। वर्तमान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा हैं, जो ब्राह्मण वर्ग से आते हैं। वीडी को पार्टी नई जिम्मेदारी दे सकती है।
हेमंत खंडेलवाल का नाम तेजी से आगे आया
बैतूल से विधायक और पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल का नाम तेजी से आगे आया है। खंडेलवाल को संघ, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पार्टी के अन्य नेताओं का समर्थन मिल रहा है। हेमंत खंडेलवाल के पिता स्व. विजय खंडेलवाल भी भाजपा के नेता थे, जिससे उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि मजबूत और पार्टी से बहुत गहरा जुड़ाव है।
इनके नाम की भी चर्चा
पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया संगठन के एक कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं। हालांकि, वह 2023 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे, लेकिन पार्टी उन्हें एक बार फिर सक्रिय करना चाहती है। इससे पहले नरेंद्र सिंह तोमर, नंदकुमार सिंह चौहान और राकेश सिंह क्षत्रिय वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसे में इस वर्ग से भी कोई नाम आ सकता है।
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता फग्गन सिंह कुलस्ते आदिवासी वर्ग से आते हैं और मध्य प्रदेश में आदिवासी वर्ग की अहमियत को देखते हुए उनकी दावेदारी काफी मजबूत हो सकती है। हालांकि उनकी उम्र उनके लिए बड़ी बाधा बन रही है। इसी वर्ग से सुमेर सिंह सोलंकी, दुर्गादास उइके के नाम की भी चर्चा है।
महिलाओं को भी मिल सकता है मौका
भारतीय जनता पार्टी का संगठन अपने निर्णयों से अब तक चौकाते आया है। जिसका नाम सबसे मजबूत बताया जाता है, उसके नाम की कोई गारंटी नहीं होती। ऐसे में भी चर्चा है कि संगठन किसी महिला को भी जिम्मेदारी सौंप सकता है। इसमें पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस, सांसद हिमाद्री सिंह, कविता पाटीदार के नाम की भी चर्चा है।