
City Herald Analysis: Police officers who accompanied the then MP Rao Uday Pratap Singh on his tour are not even sending constables for MP Darshan Singh Chaudhary
– सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अनुविभाग के किसी भी अधिकारी ने अब तक शिष्टाचार भेंट करने की जहमत भी नहीं उठाई
– अभी तक किसी अधिकारी की नहीं आई शिष्टाचार भेंट की फोटो
– इटारसी में यदि किसी अधिकारी ने शिष्टाचार भेंट की हो और फोटो, वीडियो हो तो हमसे शेयर करें, हम सार्वजनिक तौर पर माफी मांगेंगे
सिटी हेराल्ड, इटारसी। गुरुवार को नवनिर्वाचित सांसद दर्शन सिंह चौधरी का स्वागत कार्यक्रम इटारसी में हुआ। इस स्वागत कार्यक्रम के बाद शहर में एक बडी तुलनात्मक चर्चा चौक चौराहे पर हो रही। लोग कह रहे हैं डॉ मोहन सरकार में चुने हुए सांसद को अधिकारी ज्यादा कुछ नहीं समझ रहे। उनका कहना है कि पूर्व सांसद राव उदय प्रताप सिंह जब इटारसी दौरे पर आते थे तो पुलिस अधिकारी उन्हें खेडा से रिसीव करने पहुंचते थे और पूरे समय साथ घूमते थे। लेकिन कल सांसद दर्शन सिंह चौधरी के स्वागत जुलूस में एक आरक्षक तक साथ नहीं घूमा। पर्दे के पीछे चर्चा यह भी है कि अब तक एक भी अधिकारी चाहे एसडीएम हो, तहसीलदार, एसडीओपी, टीआई, सीएमओ सांसद के पंजाबी मोहल्ला स्थित निवास पर शिष्टाचार भेंट करने नहीं पहुंचे। यह बातें इसलिए उठ रही हैं क्योंकि कि एक भी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल नहीं हुई।
सिटी हेराल्ड ने बाजार में हो रही चर्चा का एनालिसिस किया, कई भाजपा नेताओं से बातचीत की, पुलिस के जवानों से चर्चा की और शहर के बुद्धिजिवियों से चर्चा की तो पूर्व सांसद राव उदय प्रताप सिंह के लिए अधिकारी जिस तत्परता से खडे नजर दिखते थे, ऐसा अभी तक तो किसी को भी नजर नहीं आया।
16 दिन में बहुत बार आ चुके सांसद इटारसी-
ऐसा नहीं है कि सांसद इटारसी आ नहीं रहे हों। 04 जून के बाद से सांसद दर्शन सिंह चौधरी कई दफा इटारसी आ चुके हैं। वे पंजाबी मोहल्ला में अपने निवास पर नाइट रुकते हैं कार्यकर्ताओं से मिलते हैं।
सिटी हेराल्ड ने चौक चौराहे पर हो रही चर्चा के बाद बहुत से लोगों से यह सवाल पूछा….
सवाल- क्या आपको सांसद दर्शन सिंह चौधरी के स्वागत जुलूस में पुलिस नजर आई ? पूर्व सांसद के दौरे पर क्या आपको पुलिस नजर आती थी ? चूंकि सांसद इटारसी को अपना अब गृह नगर भी कहते हैं, तो सांसद से स्थानीय अधिकारियों की शिष्टाचार भेंट की अधिकारियों की कोई फोटो, वीडियो नजर आई?
कुछ चिनिंदा उत्तर यह रहे….
पत्रकार कृष्णा राजपूत का कहना है कि यह सत्य है कि राव उदय प्रताप सिंह जब दौरे पर आते थे तो अधिकारी उनके आगे पीछे घूमते थे। दरअसल, उनका डर अधिकारियों पर था, उनकी कार्यशैली निवेदनात्मक न होकर आदेशात्मक होती थी। उसके पीछे वजह थी वह कांग्रेस से भाजपा में आए थे, कांग्रेस की कार्यशैली अधिकारियों को सर सर करने की नहीं होती। भाजपा शासन में अधिकारी इसका ही फायदा उठाते हैं।
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भाजपा पिछडा वर्ग मोर्चा के जिला अध्यक्ष जयकिशोर चौधरी का कहना है कि यह सही है कि अभी तक हमनें किसी अधिकारी की सांसद जी के साथ शिष्टाचार भेंट की कोई फोटो नहीं देखी और कल स्वागत जुलूस में भी पुलिस नहीं थी। जबकि सुरक्षा के लिए उसे साथ चलना चाहिए था। मुझे पता चला था कि श्रीद्वारिकाधीश मंदिर के पास निर्भया वेन खडी हुई थी। हम इस संबंध में अपने वरिष्ठों से चर्चा करेंगे।
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता, पूर्व नगर अध्यक्ष पंकज राठौर ने इसे भाजपा नेताओं की कमजोरी बताया। कहा कि राव उदय प्रताप हमारे संगठन से निकले हुए हैं, इसलिए उन्हें अधिकारियों से काम लेना आता है और उनका डर भी अधिकारियों में है। जब भी किसी प्रकार का कोई राजनैतिक या सामाजिक कार्यक्रम होतेे हैं वहां पुलिस को सुरक्षा के लिए तो रहना ही चाहिए, ये तो सांसद का स्वागत जुलूस था।