
- 10 फीट जमीन की कीमत तुम क्या जानो वन विभाग…
- वन विभाग यदि 10 फीट जमीन रेलवे को अंडर ब्रिज चौडा करने दे देता तो रक्षा विभाग के बडे वाहन ताकू में नहीं फंसते
- अंडर ब्रिज चौडा नहीं होने से सेना के बडे वाहन ताकू प्रूफ रेंज तक नहीं पहुंच पाते
- नागपुर रेलवे खोलता है बंद रेल फाटक तब निकलते हैं, सेना के बडे वाहन
- कई बार नागपुर रेलवे बंद रेल फाटक को खोलने में लगाता है दो से तीन दिन का समय
- सांसद दर्शन सिंह चौधरी को सेना के अधिकारियों ने बताई थी यह समस्या
- सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने नागपुर-भोपाल रेल मंडल की बैठक में उठाई महत्वपूर्ण समस्या
बसंत चौहान, इटारसी। सरकारी जमीन को अफसर उनकी जागीर समझने लगे हैं। यही वजह है कि जब इन्हें विकास कार्यों के लिए अन्य विभागों को देने की बात आती है तो वह उसे देते नहीं। चाहे प्रोजेक्ट कितना ही बडा हो, भले ही देश की सुरक्षा से जुडा ही क्यों न हो। मध्यप्रदेश के इटारसी में भी ऐसा ही कुछ हुआ।
यहां रक्षा मंत्रालय के अधीन संस्थान सेंट्रल प्रूफ स्टैब्लिशमेंट (सीपीई) ने नागपुर रेलवे मंडल से ताकू रेलवे स्टेशन के पास बन रहे रेल अंडर ब्रिज को चौडा करने कि मांग की थी। दरअसल, ताकू में सीपीई की प्रूफ रेंज है। यहां आयुध निर्माणी द्वारा बनाए जा रहे बम व अन्य चीजों की टेस्टिंग रेंज है और यह एशिया की सबसे बडी टेस्टिंग प्रूफ रेंज में से एक है। अब आपको सैन्य गतिविधियों के हिसाब से पता चल ही गया होगा कि यह भारतीय सेना के लिए कितना महत्वपूर्ण स्थान है। लेकिन रेलवे और मध्यप्रदेश के वन विभाग को कमौवेश ऐसा नहीं लगता।
यही वजह है कि रेलवे ने अपने अंडर ब्रिज डिजाइन में ज्यादा कुछ चेंज नहीं किया और वन विभाग ने भी 10 फीट जमीन नहीं दी। इसके कारण अब रक्षा मंत्रालय के अधीन संस्थान सेंट्रल प्रूफ स्टैब्लिशमेंट को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड रहा है।
ऐसे समझें क्या है सेना को इस अंडर ब्रिज से समस्या-
दरअसल, कई दफा सेना के बडे उपकरण व वाहन ताकू सीपीई प्रूफ रेंज जाते हैं। लेकिन अंडर ब्रिज में यह फंस जाते हैं। अब रेलवे ने इस समस्या का समाधान ऐसे निकाला है कि वह अपना बंद रेल फाटक खोलती है। लेकिन यहां भी पेंच है। नागपुर रेलवे मंडल से इसकी अनुमति आती है जिसमें कई दफा दो से तीन दिन और सप्ताह भी लग जाता है, तब तक वाहन यहीं खडे रहते हैं।
सांसद ने उठाया मुददा-
नागपुर रेल मंडल कार्यालय में भोपाल और नागपुर रेल मंडल की बैठक में सांसद दर्शन सिंह दर्शन सिंह चौधरी ने यह मुददा उठाया। उन्होंने कहा कि मैंने ताकू अंडर ब्रिज का निरीक्षण किया था। यहां सेना के बडे वाहन फंस जाते हैं और किसानों के बडे वाहन भी नहीं निकलते और पानी भी भरा रहता है।