सिटी हेराल्ड, इटारसी। नर्मदापुरम की समस्त नगरपालिका के सीएमओ व अन्य अधिकारियों ने अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के जरिए मांग की गई दमोह में सीएमओ के साथ ही घटना में एफआईआर हो और अन्य स्थानों पर बिना जांच किए गए सीएमओ व अधिकारियों को निलंबित करने के मामले में निष्पक्ष जांच की जाए। ज्ञापन के जरिए उदाहरण देकर बताया गया कि किसी अन्य विभाग की गलती की सजा हमारे अधिकारियों को मिल रही है। ज्ञापन सौंपने वालों में नर्मदापुरम सीएमओ हेमेश्वरी पटले, इटारसी सीएमओ रितु मेहरा, पिपरिया सीएमओ आरपी नायक, माखननगर सीएमओ जीएस राजपूत, बनखेडी सीएमओ निशांत श्रीवास्तव, सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
यह लिखा ज्ञापन में-
प्रदीप शर्मा मुख्य नगरपालिका अधिकारी दमोह के निवास पर जाकर स्थानीय ठेकेदार विवेक अग्रवाल और उसके साथी द्वारा उनके मुँह पर काली स्याही लगाने का दुष्कृत्य किया गया। जिससे न केवल श्री शर्मा एवं विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की न केवल प्रतिष्ठा ख़राब हुई है बल्कि सभी के मनोबल का भी हास हुआ है।
जिला प्रशासन दमोह द्वारा इस कृत्य के अपराधियों पर कोई कार्यवाही नहीं करते हुए मामले को दबाने के लिए एक जाँच कमेटी का गठन कर इस शर्मनाक घटना पर परदा डालने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और सभी अधिकारी कर्मचारियों में तीव्र रोष व असंतोष व्याप्त है। इसके पहले हरसूद, विदिशा, बड़वानी, कोठी और अन्य स्थानों पर मुख्य नगरपालिका अधिकारीयों पर हुए हमले व दुर्व्यवहार की घटनाओं पर शासन द्वारा अपराधियों के विरुध्द कार्यवाही नहीं किए जाने से नगरीय प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारियों से दुर्व्यवहार की घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं।
नगरीय निकाय के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के तौर पर कार्य करते हुए किसी अनियमितता को रोकने के हर प्रयास की परिणति इस तरह की दुर्व्यवहार की घटनाओं के रूप में होती है जिसका सामना मुख्य नगरपालिका अधिकारीयों को आए दिन निकायों में करना पड़ता है। यदि अपराधियों के विरुध्द कार्यवाही नहीं होती है तो इस तरह की घटनाएँ दिन प्रतिदिन बढ़ती जाएँगी और अधिकारियों का मनोबल कमजोर होगा।
प्रदेश के विभिन्न निकायों में विभागीय कंपनी एमपीडब्लयूडीसी द्वार जलप्रदाय व सीवरेज के कार्य किए जा रहे हैं। एमपीडब्लयूडीसी के अमले द्वारा नगरीय निकाय के साथ समन्वय किए बिना काम किए जाते हैं और उनकी अनियमितताओं व अविवेकपूर्ण तरीके से कार्य करने का परिणाम नगरीय निकायों को भुगतना पड़ता है। समाधान ऑनलाइन दिनांक 28 मार्च में मऊगंज के प्रकरण में एम पी यूडी सी की गलती की सजा विभाग द्वारा वहाँ के मुख्य नगरपालिका अधिकारी व उपयंत्री को निलंबित करके दी गई जबकि शिकायत एमपीडब्लयूडीसी द्वारा पाइपलाइन डालकर किया गया जो कि शिकायत के प्रचलित रहने के दौरान पहले भी किया जा सकता था। इस प्रकार किसी भी त्रुटि के लिए निकाय के मुख्य नगरपालिका अधिकारी को ज़िम्मेदार ठहराया जाकर विभाग द्वारा कार्यवाही करना न्यायोचित नहीं है। फील्ड में जिस तरह की कठिन व चुनौतीपूर्ण कार्यकारी परिस्थितियां विद्यमान हैं ऐसे समय में निकायों में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों को विभाग के सुरक्षा की आवश्यकता है किन्तु विभाग का रवैया बहुत विपरीत व असहयोगी होता है जिससे विभागीय अधिकारी व कर्मचारी बहुत निराश व हताश हैं।
संघ इस ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध करता है कि दमोह की घटना के अपराधियों के विरुध्द ऑन ड्यूटी शासकीय सेवक पर हमला करने, दुर्व्यवहार करने और शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाने के अपराध की धाराओं में मुक़दमा दर्ज करने के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस दमोह को शासन से निर्देश जारी करने की कृपा करेंगे।
एक शासकीय अधिकारी के साथ हुई इस दुर्व्यवहार की घटना पर जिला प्रशासन दमोह द्वारा संज्ञान नहीं लेने व अपराधियों के विरुध्द कोई कार्यवाही नहीं करने से पूरे प्रदेश के नगरीय निकायों के अधिकारी व कर्मचारियों में तीव्र रोष है। यदि दमोह के जिला प्रशासन व पुलिस द्वारा अपराधियों पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के अधिकारी-कर्मचारी कामबंद आंदोलन करने के लिए बाध्य रहेंगे।
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