
– इस बार महाशिवरात्रि पर कई दुर्लभ महासंयोग बन रहे
सिटी हेराल्ड, इटारसी। महाशिवरात्रि पर कई दुर्लभ महासंयोग बन रहे हैं। जो इस बात का संकेत हैं कि भोलेनाथ अपने भक्तों पर अपनी कृपा की वर्षा करने वाले हैं। पंडित सौरभ दुबे के अनुसार 47 वर्षों के बाद बुधवार, 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र का संयोग बन रहा है। श्रवण नक्षत्र इस दिन सुबह से लेकर शाम 4.38 बजे तक प्रभावी रहेगा। इस दिन चंद्र, बुध, शनि और सूर्य तीनों कुंभ राशि में विराजमान होंगे। ऐसे बुधादित्य योग, त्रिग्रही योग एवं चतुर्ग्रही योग का निर्माण हो रहा है। जो कई राशियों के लिए शुभ साबित होगा। सर्वार्थ सिद्धी योग से भी महाशिवरात्रि पर सुखद संयोग बन रहा है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ दुबे के अनुसार महाशिवरात्रि बुधवार को श्रवण एवं घनिष्ठा नक्षत्र मकर एवं कुंभ राशि होने से जहां शनि का संयोग बना है वहीं इस महाशिवरात्रि पर मध्यरात्रि में भगवान शिव के सिर पर विराजित चंद्रमा कुंभ राशि में आकर शनि और सूर्य के साथ मिलकर भोलेनाथ के माथे पर विराजित त्रिपुंड चंदन जैसा त्रिग्रही योग बनाएंगे। महाशिवरात्रि पर इस योग का बनना दुर्लभ संयोग है। साथ ही इस बार महाशिवरात्रि पर शनि स्वरराशि के होकर शश योग, हंस योग, सूर्य, बुध, चंद्र व शनि की युति से चतुर्ग्रही योग का निर्माण योग बना रहा है। चतुर्ग्रही योग से माता महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
47 वर्षों बाद बना ये खास योग-
महाशिवरात्रि पर चतुर्ग्रही योग का नि र्माण महायोग बना रहा है। ऐसा अदभुत संयोग करीब 47 साल बाद बन रहा है। इस दिन त्रयोदशी और चतुर्दशी दोनों तिथियां हैं। मान्यता है कि इस दिन किसी कार्य की शुरुआत करना व खरीदारी करना अति उत्तम होता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को बेलपत्र अति प्रिय है। महाशिवरात्रि के दिन जलाभिषेक के साथ बेलपत्र चढाने से शिव जी अति प्रसन्न होते हैं। इस दिन भक्तगण भगवान शिव का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक करने के साथ धतूरा, बेलपत्र सहित कई चीजें अर्पित करते हैं।