
IIT bombay fines students with 1.2lakhs:: आईआईटी बॉम्बे में रामायण पर आधारित इस नाटक का छात्रों के एक वर्ग ने विरोध किया था. उनका आरोप था कि यह नाटक हिंदू धर्म और राम और सीता का अपमान करता है.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे ने रामायण पर आधारित नाटक के कथित अपमानजनक मंचन के लिए 8 छात्रों पर जुर्माना लगाया है. इन छात्रों ने 31 मार्च को संस्थान के एनुअल फंक्शन के दौरान ‘राहोवन’ नाम का प्ले किया था. रामायण पर आधारित इस नाटक का छात्रों के एक वर्ग ने विरोध किया था. उनका आरोप था कि यह नाटक हिंदू धर्म का अपमान करता है और राम और सीता के प्रति अपमानजनक है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, IIT बॉम्बे ने 4 जून को छात्रों को पेनल्टी नोटिस जारी किया था. इससे पहले 8 मई को नाटक से जुड़ी शिकायतों को लेकर डिसीप्लीनरी कमिटी की बैठक बुलाई गई थी. इसमें नाटक से जुड़े छात्रों को भी बुलाया गया था. उनका पक्ष सुनने के बाद कमिटी ने जुर्माना लगाने की सिफारिश की.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रेजुएशन के छात्रों पर 1.2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. और साथ ही उन्हें जिमखाना अवार्ड्स के लिए भी मान्यता नहीं मिलेगी. वहीं जूनियर छात्रों पर 40,000 रूपये का जुर्माना लगा है. और उन्हें हॉस्टल की फैसिलिटी भी नहीं मिलेगी.
यह नोटिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ‘आईआईटी बी फॉर भारत’ ने डाला था. जोकि एक कैंपस ग्रुप है. यह भारतीय सभ्यता के मूल्यों को बनाए रखने का दावा करता है. इस ग्रुप ने नाटक के मंचन का विरोध किया था. और संस्थान की कार्रवाई का स्वागत किया था. ग्रुप की पोस्ट में लिखा था, नाटक में रामायण को अपमानजनक तरीके से दिखाया गया था. इन छात्रों ने भगवान राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण का उपहास करने के लिए एकेडमिक फ्रीडम का दुरुपयोग किया. जिन छात्रों पर कार्रवाई हुई है. उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. लेकिन उनके साथियों ने उन पर जुर्माना लगाए जाने की पुष्टि की है. उनके एक साथी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि छात्रों को उम्मीद थी कि संस्थान के साथ बातचीत में इस मसले को सुलझा लिया जाएगा.
लेकिन 19 जून को एक छात्र का जुर्माना नोटिस सोशल मीडिया पर लीक हो गया. उनके एक और साथी ने बताया कि इस नाटक में रामायण को फेमिनिस्ट दृष्टिकोण से दिखाया गया था. जिसमें कैरेक्टर के नाम और कॉन्टेंट में बदलाव किया गया था. उन्होंने आगे बताया कि दर्शक और जजों ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी. इस साल 31 मार्च को IIT बॉम्बे के ओपन-एयर थिएटर में इस नाटक का मंचन किया गया था.