
इटारसी। आज हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह और उसके जैसे दुशासनों की, जो हर एक राजनैतिक दल में मौजूद हैं।
भारत की बेटी कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए अभद्र बयान पर उनकी बर्खास्तगी तो होनी ही चाहिए।
भाजपा जितना देर करेगी, बदनामी उसकी उतनी ही होगी। तिरंगा यात्रा में जनता सवाल उठाएगी।
हालांकि कांग्रेस जरुर भाजपा पर हमलावर है, लेकिन उसे यह नैतिक अधिकार नहीं, उस पर थोडी देर बाद चर्चा करेंगे।
सिटी हेराल्ड का अब साफ तौर पर कहना है कि प्रदेश की जनता खासकर महिलाओं व युवाओं को आगे आकर मंत्री के इस्तीफे की मांग सोशल मीडिया से लेकर पोस्ट कार्ड लिखकर करनी चाहिए, जिससे सरकार को अपनी गलती का अहसास हो।
अब बात कांग्रेस व अन्य राजनैतिक दलों की बात करते हैं। दरअसल, ऐसा कोई राजनैतिक दल नहीं है जिसके नेताओं ने महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी न की हो।
लेकिन चूंकि वह उनके दल के थे तो इस्तीफा नहीं मांगा, बल्कि राज्य सभा भेज दिया गया।
एक लंबी फेहरिस्त है।
1. 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपनी ही पार्टी की सांसद मिनाक्षी नटराजन को टंच माल कहा।
2. 2020 में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूर्व मंत्री इमरती देवी को आईटम कहा।
3. राजस्थान के पूर्व मुख्यममंत्री ने अशोक गहलोत ने कहा रेप के बाद हत्याएं इसलिए हो रहीं क्योंकि कानून में रेप के बाद फांसी की सजा बढा दी गई।
4. अटल विहारी बाजपेयी सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय शरद पवार ने 1997 में महिला आरक्षण पर संसद में बोलते हुए कहा इसका लाभ पर कटी महिलाएं उठाएंगी।
5. 2018 में पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल ने अभिनेत्री जया बच्चन को नाचने वाली कहा।