
सिटी हेराल्ड, नर्मदापुरम/18,फरवरी,2025/ आम जनों की शिकायतों के त्वरित गति से निराकरण करने के लिए प्रति मंगलवार को जनसुनवाई के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जहां आवेदकों को तत्काल राहत प्रदान की जाती है। आज आयोजित जनसुनवाई में विभिन्न समस्याओं एवं शिकायत से संबंधित आवेदन पहुंचे जिनका जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौजान सिंह रावत ने यथा संभव निराकरण किया। आज आयोजित जनसुनवाई में जुमेराती की शहजादी मिर्जा ने आवेदन प्रस्तुत कर बताया कि उनके पड़ोसी इकबाल बेग द्वारा आवेदिका के परिसर पर निगरानी रखने एवं आवेदिका के परिवार वालों की प्राइवेसी भंग करने हेतु कैमरा लगाकर परेशान किया जा रहा है। जब आवेदिका द्वारा इसका विरोध किया गया तो इकबाल बेग द्वारा उनको मारपीट की धमकी दी गई। शहजादी मिर्जा ने तत्काल कैमरा हटाने की मांग की। जिला पंचायत के सीईओ श्री रावत ने पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गुरु करण सिंह को उक्त आवेदक के संबंध में उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
मनमाने बिल की शिकायत-
वार्ड नंबर 26 बीटीआई नर्मदापुरम के नर्मदा प्रसाद ने विद्युत विभाग द्वारा मनमाना बिल दिए जाने की शिकायत संबंधी आवेदन प्रस्तुत किया और बताया कि वह गरीब परिवार से हैं और मनमाना विद्युत बिल जमा करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने विद्युत बिल माफ करने संबंधी आवेदन प्रस्तुत किया। श्री रावत ने एमपीबी को तत संबंध में उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
आईआईटी रुडकी में बेटी की संदिग्ध मृत्यु की जांच के लिए आवेदन-
डोलरियां रोड मेहरा गांव इटारसी के मुकेश कुमार मलैया द्वारा आईआईटी रुड़की (उत्तराखंड) में अपनी बेटी अंशु मलैया की संदिग्ध मृत्यु के संबंध में जांच कर उचित कार्रवाई करने संबंधी आवेदन प्रस्तुत किया गया। श्री रावत ने उक्त आवेदन को पुलिस अधीक्षक को जांच हेतु मार्क किया।
जामुन डोल जलाशय से अधिक मात्रा में पानी लेने की शिकायत –
जामुन डोल जलाशय कैचमेंट एरिया विकासखंड केसला के कृषकों ने जनसुनवाई में आवेदन प्रस्तुत करके बताया कि ग्राम जामुन डोल में सिंचाई विभाग द्वारा 50 वर्ष पहले जलाशय का निर्माण किया गया था। उस समय प्रत्येक कृषक को अपनी सिंचाई आवश्यकता के हिसाब से पानी की पूर्ति हो जाती थी। किंतु समय के अनुसार कृषक सिंचाई का रकबा बढ़ाते गए और स्थिति यहां तक पहुंच गई कि अब किसान मोटर और सिंचाई इंजन की सहायता से पानी को काफी दूर तक ले रहे हैं। जिससे जो मूल कृषक हैं उन्हें अपनी फसलों के लिए पर्याप्त सिंचाई जल नहीं मिल पा रहा है। जिसका असर फसल के उत्पादन पर पड़ रहा है। किसान अपनी लागत नहीं निकाल पा रहे हैं। समस्त किसानों ने जनसुनवाई में अनुरोध किया कि जलाशय की क्षमता के मान से क्षेत्र का निर्धारण कर सिंचाई कुलाबों से सिंचाई करने की अनुमति प्रदान की जाए एवं डीजल पंप एवं विद्युत मोटर आदि को पूर्ण तथा सख्ती के साथ प्रतिबंधित किया जाए। सीईओ श्री रावत ने जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता को तत संबंध मैं नियम अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए।