
RAILWAY NEWS: Trains will not collide head-on on Itarsi-Bina rail section, 163 km rail section will be equipped with armor
सिटी हेराल्ड, इटारसी। भोपाल रेल मंड में कवच सिस्टम लगने वाला है। इसके लिए रेलवे ने टेंडर प्रक्रिया कर ली है। पश्चिम मध्य रेलवे जोन के कोटा मंडल में यह कवच सिस्टम लग चुका है। सूत्रों के मुताबिक 13 दिसम्बर तक टेंडर जमा होंगे। अभी बीना-इटारसी-जुझारपुर खंड पर यह कवच लगाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि यहां कई स्थानों पर ट्रेनों के पटरी से उतरने की पूर्व में लगातार घटनाएं भी हो चुकी हैं, तो वहीं इन दिन सर्दी के चलते कोहरा भी पड़ने लगा है। ऐसे में कवच सिस्टम लगाने का काम एक माह पहले शुरू किया जाना था।
पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हर्षित श्रीवास्तव के अनुसार कवच सिस्टम में एक आरएफआईडी रेलवे ट्रैक पर लगाया जाएगा। यह रेडियो फ्रीक्वेंसी डिवाइस है और एक आरएफआईडी रीडर ट्रेन इंजन के भीतर लगाया जाएगा। पूरे भारत में 10 हजार रेलवे इंजनों में कवच सिस्टम लगाए जाने हैं। यह लगभग 45,000 करोड़ की योजना है ।
163 किमी लंबा है क्षेत्र-
भोपाल रेल मंडल क्षेत्र के अंतर्गत 163 किमी क्षेत्र ऐसा है, जो सेंसिटिव है और उससे संबंधित ट्रैक और स्टेशन के साथ ही वहां से गुजरने वाली ट्रेनों के इंजनों पर कवच को इंस्टॉल किया जाएगा। मंडल का सबसे ज्यादा सेंसेंटिव बुदनी-बरखेड़ा घाट सेक्शन है। अगले वर्ष 2025 के अंत तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा।
तो ट्रेनें नहीं टकराएंगी-
कवच सिस्टम लगने के बाद दो ट्रेनें यदि एक ही ट्रैक पर आमने-सामने आ जाएं, तब भी वे एक दूसरे से नहीं टकराएंगी और नजदीक पहुंच कर रुक जाएंगी। इसे रेल कवच कहते हैं, जिसे पमरे रेल जोन के तहत आने वाले भोपाल, जबलपुर व कोटा मंडलों के करीब 463 किमी क्षेत्र में लगाने की स्वीकृति रेलवे बोर्ड से मिल गई है। एक स्टेशन और उसके आसपास के क्षेत्र में इसका खर्च 50 लाख रुपए आता है। जबकि पहले लगाई गई डिवाइस पर दो करोड़ रुपए तक खर्च करना पड़ता था।