
- कथाचार्य मधुसूदन महाराज ने कथा के पंचम दिवस कहा कि “शब्दों से प्रेरणा देने वाला यहां हर कोई मिल जाएगा, लेकिन अपने व्यवहारों और अपने आचरण से प्रेरणा देने की कोशिश करनी चाहिए
सिटी हेराल्ड, इटारसी। सनखेडा ग्राम के श्री हनुमान धाम वाटिका में साई डीजे परिवार द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा के पंचम दिवस कथाचार्य महाराज मधूसूदन ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुन श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। कथा व्यास ने कहा कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं। बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उनकी शादी की चिता सताने लगी।
कहा कि माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं। एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया। उन्होंने कहा कि नंदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बारात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन अचंभित हो गए लेकिन माता पार्वती खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार कर लीं। शिव-पार्वती विवाह में श्रद्धालु झूमकर विवाह गीत गाने लगे। कथा विश्राम के बाद आरती उतारकर प्रसाद वितरित किया गया। इसके पूर्व कथाचार्य मधूसूदन महाराज का स्वागत मुख्य यजमान आयोजक परिवार साई डीजे परिवार सनखेडा, लक्ष्मीनारायण चौरे, श्रीमती किरण चौरे, शिवनारायण चौरे, श्रीमती राजमणी चौरे, रुपेश चौरे, श्रीमती अनुराधा चौरे, शेखर चौरे व समस्त बडकुर परिवार ने महाराज का भव्य स्वागत किया गया। शिव पुराण की कथा सनखेडा में 12 दिसम्बर तक आयोजित होगी। सनखेडा में शिव महापुराण की कथा स्व प्रेमदास बडकुर, स्व श्रीमती रामबाई बडकुर की स्मृति में दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित हो रही है।
कथा सुनने के लिए ग्रामीण के अलावा
पार्षद नगर पालिका इटारसी दिलीप गोस्वामी ,शंभू दयाल पटेल, कालीचरण पटेल, भगवती चौरे ,राममोहन मालिया, संतोष चौरे, अरुण बड़कुर, पंकज मलैया, रामनारायण पटेल, नीरेंद्र पटेल, पप्पू भैया, नवल पटेल,पप्पू पटेल, कृष्ण कुमार पटेल व अन्य मौजूद थे।
जो दावा करे दुख मिटा देंगे वह नकली-
कथाचार्य मधूसूदन महाराज ने सनखेडा में शिव महापुराण कथा के पंचम दिवस भगवान शिव की महिमा का बखान किया। उन्होंने दुख से भरे संसार में साधु संतों के मार्गदर्शन की महत्ता भी बताई। साथ ही कहा, “जो दावा करे दुख मिटाने का, वो नकली है। क्योंकि जो असली है, वो आपके दुखों को मिटाने का दावा नहीं करेगा। वो आपके जीवन को समझाएगा कि इंसान का शरीर संसार में आया है तो दुख मिलेगा। लेकिन भगवान पर भरोसा रखना, सब ठीक हो जाएगा।
उन्होंने शिवभक्तों को आचरण की शुद्धता बताते हुए कहा कि “शब्दों से प्रेरणा देने वाला यहां हर कोई मिल जाएगा, लेकिन अपने व्यवहारों और अपने आचरण से प्रेरणा देने की कोशिश करनी चाहिए। जो हम दूसरों को सिखाते हैं, वो स्वयं हमें ग्रहण करना चाहिए। जो राम के आचरण को अपनाएगा वो राम कथा सुनाएगा, जो नारायण की कथा को स्वयं पर उतारे वो उनकी कथा कहेंगे और जो शिव तत्व को अपनाएंगे वो शिव महापुराण सुनाएंगे।”