50 करोड से ज्‍यादा बाजार कीमत वाला गांधी सभा भवन का मामला सस्‍पेंस र्थिलर फिल्म जैसा हो गया… कहानी नए नए मोढ ले रही

Date:

City Center

बसंत चौहान, मैनेजिंग एडिटर सिटीहेराल्‍ड.इन न्‍यूज पोर्टल

जयस्‍तंभ चौक पर मौजूद गांधी सभा भवन (आज यदि यहां अच्‍छा शॉपिंग काम्‍प्‍लेक्‍स बने तो 50 करोड से ज्‍यादा कीमत वाला स्‍पेस) का मामला पूरा सस्‍पेंस र्थिलर पिफल्‍म की तरह हो गया है। रोजाना नए नए मोढ और तथ्‍य आ रहे हैं। कहानी ऐसी उलझ गई है कि किसी इटारसी की जनता को समझ नहीं आ रहा है कि आगे फिल्म कहां जाकर खत्‍म होगी? बहरहाल कहानी में कई पेंच हैं, सूत्र बता रहे हैं कि सबसे बडा पेंच तो यह है कि आखिर यह जगह कांग्रेस पार्टी के नाम आवंटित हुआ था तो कैसे गांधी सभा भवन ट्रस्‍ट यानी चतुरर्वेदी परिवार के पास पहुंच गया? दूसरा क्‍या गांधी सभा भवन रजिस्‍टर्ड ट्रस्‍ट है? तीसरा यदि उक्‍त दोनों बातें भी ठीक है तो क्‍या भवन तोडकर कोर्ट से इतर जाकर जमीन वापस गांधी सभा ट्रस्‍ट अपने नाम करना चाहता है, क्‍योंकि दुकानदार ने इसे खाली नहीं करने के लिए कोर्ट में मामला लगा रखा है। कानूनी जानकार कहते है, भवन यदि टूट जाता है तो जब दुकान ही नहीं रहेंगी तो किराएदारी का केस कोर्ट में कैसे चलेगा? इसी पहलू पर अब आगे बढा जा रहा है। बहरहाल, आगे जा भी हो, अभी कहानी पूरी फिल्मी हो गई है।
ऐसे समझें कैसे गुत्‍थम गुत्‍था हो गई गांधी सभा भवन की कहानी-
कहानी 1- शुरुआत नगरपालिका सीएमओ के उस लेटर से हुई थी जिसमें गांधी सभा भवन के किराएदारों सहित सभा भवन के ट्रस्‍टी को नोटिस मिला कि तीन दिवस के अंदर भवन खाली कर दिया जाए, क्‍योंकि यह जर्जर हो गया है। चौथे दिन भवन तोडने की कार्रवाई शुरु होगी। हालांकि अभी तक ऐसा हुआ नहीं।
कहानी 2- जैसे ही नोटिस मिला मामला कोर्ट में पहुंच गया। दुकानदारों ने सीनियर अधिवक्‍ता दीपक जैन के जरिए कोर्ट में अर्जी लगाई और भवन के जर्जर नहीं होने को चेलेंज किया। अभी मामला कोर्ट में है, वह भी अतिरिक्‍त जिला सत्र न्‍यायालय में।
कहानी 3- नोटिस के बाद राजनैतिक एंट्री हुई। भाजपा से विधायक डॉ सीतासरन शर्मा ने भवन का निरीक्षण कर, वहां के व्‍यापारियों से बात की। व्‍यापारियों ने उन्‍हें बताया कि उन्‍हें भवन की स्‍ट्रेंथ रिपोर्ट हेमर तकनीक से बनवाई है, उसमें भवन अच्‍छा बताया गया है। इसके बाद विधायक डॉ शर्मा ने प्रशासनिक अधिकारियों को मीडिया के माध्‍यम से कहा कि अन्‍य एजेंसी से भी जांच कराएं और उसके बाद फैसला लें, उसके पहले कोई कार्रवाई नहीं होगी। सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने भी भवन का निरीक्षण करते हुए व्‍यापारियों से कहा कि भवन नहीं तोडा जाएगा, वे निश्चित रहें।
कहानी 4- इसमें कांग्रेस पार्टी की एंट्री हुई। जिला कांग्रेस अध्‍यक्ष शिवाकांत गुडडन पांडे ने इस भवन को कांग्रेस का बताया और कहा कि गांधी सभा भवन ट्रस्‍ट ने कथित तरीके से उसे अपने नाम कराया। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष जीतू पटवारी ने भी कलेक्‍टर को पत्र लिखकर कहा कि यह भवन कांग्रेस पार्टी की संपत्ति है, इसे नहीं तोडा जाए और यह कांग्रेस के नाम किया जाए। उन्‍होंने इसमें राजनीतिक साजिश बताई।

कहानी 5- एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल हुआ जिसमें दिख रहा है कि कांग्रेस को जरूर यह भूमि आवंटित हुई थी लेकिन कांग्रेस की ही सरकार में उससे यह छीन भी ली गई थी। इसलिए अब कांग्रेस का इससे कोई लेना देना नहीं है। सोशल मीडिया पर यह बात भी वायरल हुई कि सिर्फ भवन का नाम गांधी सभा ट्रस्‍ट भवन उर्फ कांग्रेस भवन है। इसलिए नाम में कांग्रेस होने से यह कांग्रेस पार्टी का नहीं हो जाता। जैसे कोई व्‍यक्ति अपना नाम कलेक्‍टर रख ले तो उसे कलेक्‍टरी नहीं दी जा सकती। हालांकि जिला कांग्रेस अध्‍यक्ष गुडडन पांडे ने इसे बचकाना बताया।

कहानी 6- गांधी सभा भवन के किराएदार व्‍यापारियों ने बीते दिन प्रेसवार्ता की साथ में गांधी सभा भवन के पूर्व सचिव राजेश शर्मा नोटरी भी साथ थे। उन्‍होंने कहा कि भवन अच्‍छा है और प्रशासन की कार्रवाई कथित दबाव में की गई। अन्‍य स्‍वतंत्र एजेंसी से भवन की स्‍ट्रेंथ जांच होनी चाहिए। राजेश शर्मा नोटरी ने कहा कि उन्‍हें गलत तरीके से सचिव पद से हटाया गया, जिसका केस न्‍यायालय में चल रहा है।
ये 6 कहानी अभी 15 दिन में जनता के सामने आई है…
अब बात करते हैं फ्लैशबैक की…
1. जिस तरह से किराएदार व्‍यापारियों ने अभी भवन की हेमर जांच रिपोर्ट प्रस्‍तुत की है, उससे यह साफ होता है कि उन्‍हें पता था कि आज नहीं तो कल ऐसा होगा कि भवन को जर्जर बताकर प्रशासन तोडने की कार्रवाई करेगा। इसलिए वह पहले से अपनी तैयारी में थे।
2. कांग्रेस ने अपना दावा लगभग 50 वर्षों से इस भवन पर क्‍यों नहीं किया, जबकि सरकार भी कई सालों तक कांग्रेस की रही। अभी यदि सीएमओ भवन को तोडने का नोटिस नहीं देती तो कांग्रेस पहले की भांति ही इस मामले से अनभिज्ञ रहती।

 

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Top Casino Bonus June 2025: Erste Angebote Im Vergleich ⭐️

Diese einherkommen weniger als anderem einen Mindestumsatz sowie...

Lex Casino Angesichts Der Wettanforderungen Verzögern Gegenseitig Die Auszahlungen Der Spieler

Die 350 verfügbaren klassischen Tischspiele wurden in einer...

Help

Typically The online casino will be powered by...

Uptown Pokies Cell Phone Online Casino Software With Respect To Iphone And Android

Not just the greatest associated with protected technological...