The tigress who got separated from her mother and fell into a well in Seoni forest division was taken out of the enclosure and left in the forest of Satpura Tiger Reserve, and a collar ID was put on her
इटाारसी।मादा बाघिन को टंकूलाइजर कर जंगल में छोडने के जाते हुए वन कर्मी।
सिटी हेराल्ड। इटारसी
25 अगस्त 2022 को लगभग छह महीने की एक मादा बाघ शावक अपनी मां से बिछड़ गई और सिवनी वनमंडल के ग्राम हरदुआ के निकट एक कुए में घायल अवस्था में गिरी हुई पायी गई। जिसे रेस्क्यू कर वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल उपचार हेतु भेजा गया। कुछ स्वस्थ्य होने के उपरांत बाघ शावक को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के चूरना स्थित बाड़े में भेजा गया, जहाँ पर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सक द्वारा दीर्घकालिक उपचार कर उसे पूर्ण रूप से स्वस्थ्य किया गया। बाड़े में लाये जाने के समय बाघिन शिकार करना नहीं जानती थी। अतः क्षेत्रसंचालक, उपसंचालक तथा अन्य अनुभवी अमले द्वारा विभिन्न तरीकों से मादा बाघ शावक को शिकार करना सिखाया गया। मादा बाघ के पूर्ण रूप से स्वस्थ्य व शिकार करने में माहिर हो जाने के फलस्वरूप उसे खुले वनक्षेत्र में मुक्त करने का निर्णय लिया गया।
जब जंगल की रानी बनेगी मादा बाघिन।
आज दिनांक 20-06-2024 को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मालनी स्थित बाड़े में लगभग 20 माह गुजारने के बाद इस मादा बाघ को टंक्यूलाइज कर रेड़ियो कॉलर लगाई गई तथा उसे खुले वनक्षेत्र में मुक्त किया गया। श्री एल. कृष्णमूर्ति, क्षेत्रसंचालक, सतपुडा टाइगर रिजर्व के निर्देशन में डॉ0 गुरूदत्त शर्मा, वन्यप्राणी चिकित्सक, श्री विनोद वर्मा सहायक संचालक, एवं रेस्क्यू दल के अन्य सदस्य पीयूष चावड़ा, बसंत पाण्डे, रामनिवास मेहरा, पर्वत पासी, सुषील डाकरिया, प्रदीप शर्मा तथा वन्यप्राणी संरक्षण ट्रस्ट के डॉ0 प्रशांत देशमुख, वन्यप्राणी चिकित्सक, वीरेन्द्र मेहरा, वाईल्ड लाईफ सेन्टर जबलपुर के डॉ0 ओमकार, डॉ0 रोहन, समस्त उपस्थित हाथी तथा महावतों तथा अन्य स्थानीय अमले द्वारा मादा बाघ को सफलतापूर्वक टंªक्यूलाइज कर उसे वनक्षेत्र में मुक्त करने में सहयोग प्रदान किया गया। इस कार्य में रामभरोस पाठक, परिक्षेत्र अधिकारी, एवं चूरना परिक्षेत्र के समस्त उपस्थित अमले की अहम् भूमिका रही । उपसंचालक पूजा नागले ने बताया कि विभिन्न दल गठित कर उक्त मादा बाघ का अनुश्रवण उसके गले में लगे रेडियो कॉलर के माध्यम से निरंतर किया जावेगा।
This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
Strictly Necessary Cookies
Strictly Necessary Cookie should be enabled at all times so that we can save your preferences for cookie settings.
If you disable this cookie, we will not be able to save your preferences. This means that every time you visit this website you will need to enable or disable cookies again.